Tuesday, January 20, 2009

क्या आज इस दुनिया में कुछ अलग हुआ है !

जी हाँ लीजिये जिसका सबको बेसब्री से इंतजार था वो हो चुका है जिसको जो पाना था उसे वो मिल गया है क्या आज कोई कह सकता है की 35 या 40 साल पहले जो अमेरिका में गुलाम हुआ करते थे ॥ .... आज दुनिया उसके इशारे पर चलेंगी ! क्या आज किसी को शक है कि इस दुनिया में कुछ असंभव नाम की चीज है अगर है भी तो आज वो इस पल को देख रहा होगा जब ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति बन चुके है सच कहता हूँ अगर आज महात्मा गाँधी जी होते तो उनकी आँखों में से भी अश्रु धारा बह निकलती क्योंकि दक्षिण अफ्रीका में गाँधी जी को ट्रेन के फर्स्ट क्लास डिब्बे से सिर्फ़ इसीलिए निकाल कर फेक दिया था क्योंकि वो एक काले थे ! दोस्तों सच्ची कह रहा हूँ ये घटना अचानक याद आने से मेरे अन्दर अचानक बिजली दौड़ गई है कि उस समय मोहन दास की क्या मानसिक स्थिति क्या रही होंगी , क्या वो इस घटना से अन्दर तक हिल गए होंगे या शायद उन्हें काफी देर तक ये समझने में लग गया आखिर उनका कुसूर क्या था ? या फिर वो चाहते तो अपना गुस्सा दिखा सकते थे पर शायद नही...उन्होंने उस गुस्से को ऐसे जाया नही जाने दिया उन्होंने उसे मुरब्बा बना लिया और कसम खायी कि आज तो तुमने मुझे इस ट्रेन से निकाला है पर याद रखना अगले 40 और 50 साल तुम पर भारी पड़ेंगे और मैं ख़ुद तुम्हे अपने देश से बाहर निकालूँगा !
क्या ओबामा कि जीत वाकई में गाँधी , मार्टीन लूथर किंग और उन तमाम लोगो कि जीत है जो सोचते है कि हाँ आज उन्होंने कुछ पाया है या फिर हाँ आज कुछ नया इस दुनिया में हुआ है ! चलिए वो तो आने वाला वक्त बतायेगा !

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इस भीड़ मे आजकल कौन सुनता है !

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