Tuesday, March 24, 2009

या मर चुके हो तुम भी मेरी तरह....


मैं आखिरी बार कब रोया था , मुझे नही पता ! लेकिन मैं आज इतना जानता हूँ , कि अब मेरी आत्मा मर चुकी है ! वो क्या समय था , जब जरा सी बातों पर आंसू की गंगा बह निकलती थी , और एक आज का दिन है जब आँखों के नीचे केवल आंसू के सूखे निशान रह गए है ! जो इस इन्तजार में है , कि कब कोई गम आए और फिर से आंसू की धारा इसी जगह के ऊपर से निकले , ताकि फिर से ये निशान हरे भरे हो जाए और फिर ये इस बात का सबूत होगा कि मैं शायद अभी तक जिन्दा हूँ !
पर क्या मुझे जिन्दा होने का सबूत केवल मेरे आंसू से देना होगा ? क्या मेरा हरकत करता हुआ शरीर और मेरी श्वसन क्रिया का कोई मोल नही ? , क्या मेरे वादों का कोई मोल नही ?, क्यों तुम्हे मेरे आंसू अच्छे और सच्चे लगते है ? क्या मेरे आंसू देखकर तुमहरा दिल नही पसीजता ? क्या तुम्हे रोना नही आता ? और अगर मेरे आंसू देखकर तुम्हारे आंसू नही निकलते , तो शायद तुम भी मर चुके हो , मेरी तरह !

Thursday, March 19, 2009

कौन प्रधानमंत्री ?

चुनाव आते ही मुझे बड़ा अच्छा लगने लगता है ऐसा लगता है अब कुछ दिनों के लिए बोरियत तो दूर होंगी ! दरअसल में ऐसा इसीलिए कह रहा हूँ क्योंकि अब हमे फालतू के रियलिटी टीवी शो बजाय सच्चे और अच्छे शो देखने को मिलेंगे जी हाँ सही पकड़ा आपने कौन बनेगा प्रधानमंत्री ! खूब सारे डायलौग बिना एडिट किए हुए सुनने को मिलेंगे बहुत सारे सीन बिना कटे हुए मिलेंगे और सबसे बड़ी बात इसमे एसएम्एस पर पैसे भी खर्च नही करने पड़ेंगे !

सभी आजकल प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए लोट लगा रहे है जैसे ये कोई आम कुर्सी नही रजा विक्रमादित्य की ३२ पुतलियों का सिंहासन हो हर कोई प्रधानमंत्री बनना चाहता है ! UPA में खींचतान तो कई दिनों से चल रही है पार्टी के अन्दर से राहुल को PM बनाने जुगत चल रही है लेकिन सोनिया कह चुकी है की मनमोहन ही अगले PM होंगे ! यहीं हाल UPA के घटक दलों का है शरद पवार पहले ही मराठी कार्ड खेल चुके है और मांग कर रहे है की अबकी बार मराठी मानुष !

खैर अगला खेमा NDA का है उसमे भी भाजपा आपसी झगडे सुलझाने में लगी है , पहले मोदी, आडवानी को चुनौती देने में लगे थे, फिर बाद में शिवसेना सुप्रीमो हवा निकाल रहे थे ! चुनाव से पहले सारे सेटलमेंट किए जा रहे है !
इन गठजोड़ की कुछ कमी थी कि तीसरा भी बन गया , इसके रचयिता तो हमारे कम्युनिस्ट है इसमे भी सारा रोल प्रकाश करात जी महाराज का है वो इस समय बिल्कुल सारथी की तरह दिखाई पड़ रहे है ! वामदलों ने तो कांग्रेस से बदला लेने के लिए तीसरा मोर्चा गढा , परमाणु करार से जब समर्थन वापस लिया तो सोचा कि सरकार गिर जाएँगी लेकिन सरकार बच गई इसी का बदला वो अगले चुनाव में निकालने की कसक दिल में लिए हुए है इसीलिए जो किसी के साथ नही वो तीसरे के साथ है ! लेकिन अभी ड्रामा होना बाकी था BSP ने अपनी टांग अड़ा दी और कहा अगर माया PM तो हम तीसरे के साथ , वरना भूल जाओ लेकिन बाद में कहा गया कि छोड़ो मई के बाद फ़ैसला करेंगे कि कौन होगा PM !

साथियो में थोड़ा डर रहा हूँ कि अगर तीसरा मोर्चा बहुमत ले आया तो PM पद के लिए कितना घमासान हो जायेगा ,कंही बहुमत के बाद भी सरकार बन पाएँगी या कहीं ऐसा तो नही होंगा कि १ साल के लिए चंद्र बाबु नायडू , २ साल के लिए माया बहन , १ साल प्रकाश करत और १ साल जयललिता या करुना निधि प्रधानमंत्री पद के लिए सेटलमेंट कर ले ! वैसे आईडिया अच्छा है वैसे एक बात है आजकल हर किसी को प्रधानमंत्री बनाने के शौक लगा है मैं भी सोचता हूँ प्रधानमंत्री बन जाऊं देखिये में ये सब इसीलिए कह रहा हूँ क्योंकि हर कोई दावा पेश कर रहा है कि वो बन सकता है फिर चाहे वो उसके लायक हो नही !
इस भीड़ मे आजकल कौन सुनता है !

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