ओबामा ओबामा , अरे बस करो यार अब , जब देखो हर किसी के मुहँ से यंही नाम सुनने को मिल रहा है ! जैसे ओबामा नही हुए कलयुग में विष्णु के अवतार ने जन्म ले लिया हो जैसे वो अब पूरी दुनिया में शान्ति लायेंगे , दुष्टों का संहार करेंगे और पूरी दुनिया को गरीबी (आर्थिक मंदी) से बचायेंगे ! कम से कम हमारे भारतीय तो उसे देवता का अवतार समझने लगे है ! अगर कोई विदेशी हनुमान की मूर्ती हमेशा अपने पास रखे और गाँधी जी तस्वीर अपने ऑफिस में रखे तो इस पर भारतीयों को उसमे विशेष रूचि होंगी मुझे तो लगता है की इतनी खुशी तो हमें अपने शहर के सांसद के चुनने पर भी नही होती है जितने उसके अमेरिका के राष्ट्रपति बनने पर हुई ये तो वो वाली बात हो गई, बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना !
और वैसे भी आखिर इस ओबामा ने क्या कर दिया है जो सभी लोग इसके पीछे पगलाये हुए है अरे भाई अभी तक उसने बस हमारे नेताओ की तरह बोल वचन ही तो फेकें है जब उस पर अमल होगा तब की तब देखी जायेंगी ! ना जाने कितने ढेरो लेख पढ़े मैंने ओबामा को जानने के लिए लेकिन मुझे तो अभी तक कोई ऐसी बात उसमे नही दिखी सिवाय उनके प्रभावशाली भाषण के ! हमारे भारतीय लेखको ने अखबार रंग दिए, ओबामा के लिए खूब कसीदे पड़े जैसे " भारतीयों को भी एक ओबामा की तलाश " या "भारतीय ओबामा की तलाश " !
और वैसे अब मुझे इन अमेरिकियों से चिड होने लगी है, कि इनको इनका ओबामा मिल गया, साला हमें कब अपना ओबामा मिलेंगा ! पहले बात तो मित्रों ये की अगर हमें अगर भारतीय ओबामा चाहिए तो सबसे पहले ये जितने भी प्राचीन काल के बुढ्डे ठुड्डे ओबामा है इनसे मुक्ति पानी होगी क्यूंकि ये 75 और 80 साल की उम्र हरिमाला जपने की होती है राजनीती की नही, और फिर यह ऊपर जाकर भगवान् को क्या जवाब देंगे की क्यों हमने हरी का नाम एक बार भी नही लिया क्यूँकी हम राजनीती में थे ! इनको हटाने की एक वजह और भी है वो यह की यह देश अब युवायो का है इसीलिए नेता भी अब युवा चाहिए, वो नही जिसके साइन करते टाइम हाथ कपकपाते हो ...इसीलिए युवा नेता हमारे देश की युवायो के विचारों को अच्छी तरह से जानने वाला होगा क्योंकि वो हमारी सदी में पैदा हुआ है इसीलिए आज के हालत से अच्छी तरह वाकिफ है आज की भाषा आज के नियम सब कुछ चेंज हो चुका है तो आज का नेता इससे ज्यादा अच्छी तरह से पहचान सकता है और समाज की क्या डिमांड है उसे महसूस कर सकता है ! वो देश के लिए तार्किक मुद्दे ला सकता हैं जो बस देश के अच्छे भविष्य के लिए हो ना की किसी पार्टी विशेष को नीचा दिखने के लिए (हमारे नेता मुद्दों से दूसरी पार्टियों को घेरते है ) ! और वो भाषण भी ऐसा दे जिससे समाज के अन्दर करंट दौड़ जाए, वैसे नही जैसे हमारे नेता भी देते है जो सन 1947 से बातें शुरू करते है और 1975 के आपातकाल के किस्से सुनाते है तथा पुरानी सरकार से अपनी सरकार की तुलना करते रहते है ! बल्कि अब तो हमें अपने देश की, किसी अच्छे और विकसित देश से तुलना करे !
काश ऐसा नेता मिल जाए रे ," पता नही कैसा दिखता होगा वो कहाँ होगा वो " वैसे तो ऐसे शब्द किसी शादी लायक लड़की के सपने जैसे होते है , पर आज ये पूरे भारत के शब्द है कि किधर है वो ! आज की राजनीती को देखकर निकाह फ़िल्म में सलमा आगा का गीत की लाइन याद आ गई की " शायद उनका आखिरी हो ये सितम, हर सितम ये सोच कर सहते रहे "
अब आजा कहाँ छुपा है तू मेरे ओबामा
1 comment:
fantestic written buddy....we need somebody from us. we need somebody like us.. not like our garndpa..
they dont knw today's rules n generation...
we need some freshness in politics...
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