Tuesday, November 11, 2008

नेताजी कहिन !

कहते है की गिरगिट रंग बदलता है परन्तु इसका इस्तेमाल वो अपनी सुरक्षा के लिए करता है ! वो जिस चीज पर बैठता है उस चीज का रंग ले लेता है ! हमारे राजनेता भी गिरगिट से कम नही है ! इनका असली रंग चुनाव के आने पर ही दिखता है ! इसका उपयोग वो कुर्सी पाने के लिए करते है और जिस पार्टी में जाते है उस पार्टी की विचारधारा में बोलने लगते है !

विधानसभा चुनाव होने वाले है ! और पार्टियों में टिकट को लेकर कई बवाल सामने आ रहे है ! दल बदले जा रहे है , विचार बदले जा रहे है , मुद्दे बदले जा रहे है ! जो नेता बहुत सालों तक एक पार्टी में था ! टिकट न मिलने से दूसरी पार्टी में चला गया , और टिकट पाया ! अभी तक जो नेता विरोधी खेमे पर गर्म भाप छोड़ रहे थे आज वहीं गर्मी टिकट पाकर शांत हो गई ! और अब वो गर्म भाप , छोडी गई पार्टी पर निकलती है !

जब नेता जी से पूछा जाता है कि आपने पार्टी क्यो छोड़ दी? और ये पकड़ी ? तो सभी का एक ही जवाब होता है कि यह पार्टी अच्छा काम कर रही है और इसकी विचारधारा पर मुझे विश्वास है, तो नेता जी आपको इतने सालों बाद इसकी विचारधारा पर विश्वास हुआ या टिकट का हथौडा आपके सर पर पड़ा तब आपके होश ठिकाने आयें !
अच्छा भाइयो ये सब बात नेता लोगो को भी पता होती है कि जनता सब जानती है और समझ रही है , हमे देख रही है पर क्या करे हमाम में सब नंगे होते है !

आज से कुछ साल पहले अरुण शौरी ने एक बात कहीं थी कि नेताओं को जनता के बीच में से ही चुनकर आए तो ज्यादा अच्छा होगा और इससे भ्रष्टाचार में कमी आएगी ! क्योकि अभी जनता के पास कोई विकल्प नही है वो केवल उन्ही को वोट देते है जिनको पार्टिया खड़ी करती है ! दूसरी बात यह जो मैंने ख़ुद सोची कि किसी आम आदमी(कर्मचारी) को पुलिस केस में पड़ने या बनने पर सरकारी महकमे से निष्काषित किया जा सकता है! या छात्रों का पुलिस केस होने पर नौकरी मिलने में परेशानी हो सकती है , उसी प्रकार से नेताओ को भी इस शर्त में बांधा जाए तथा अपराधिक तत्व वाले उम्मीदवार को चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाए ! लेकिन बस इतने कहने से ही सबकी त्योरिया चढ़ जाएँगी वो इसीलिए सबसे ज्यादा चुनाव अपराधिक लोग लड़ते है !

मार्गरेट अलवा कहती है कि कांग्रेस के टिकट बिकते है ! सभी लोग अपने भाई भतीजो को टिकट दिलवाते है ! वो बस इसी बात को लेकर खफा थी कि उनके बेटे को टिकट क्यो नही दिया गया ! तभी उन्होंने पोल खोल दी ! परन्तु वो यह बात भूल रही गई कि जिस तरह वंशवाद कर आरोप लगा रही है असल में वो भी तो यहीं कर रही है !

पहले के महान नेता महात्मा गाँधी , नेहरू , शास्त्री जी और भी बहुत सारे इन सब लोगो कर इतिहास हम किताबों में पढ़ चुके है ! फिर क्या आज के नेताओ ने ऐसा कोई काम किया जो इनका इतिहास हमारी अगली नस्ल पढ़े !
वोः कहते है न.....यहीं हमारे देश कर दुर्भाग्य है !

1 comment:

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

ऐ भईया गिरगिट को नेता से ना तौला कीजिये.......हमको बहुत तकलीफ होती है....गिरगिट पे तो ना जाने क्या गुजरती होगी.....प्लीज़ भैया....एक रंग बदलना उसकी प्रकृति है...और दूसरे का व्यापार......!!!!

इस भीड़ मे आजकल कौन सुनता है !

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