
ईरानी राष्ट्रपति अहमदीनेजाद के परमाणु परीक्षण करने से अमेरिका की आंखे लाल है ! दरअसल ईरान का मानना है कि वो अपनी सुरक्षा के साधन जुटा ले ताकि आगे जाकर कोई देश उसे धमकी न दे ! जबकि ईरान का ख़ुद किसी से युध्द करने का इरादा नही है !
इसके परिणाम में अमेरिका भयभीत है , उसका मानना है कि कहीं ईरान परमाणु संपन्न राष्ट्र बन गया तो इससे एशिया में शक्ति संतुलन बिगड़ सकता है ! परन्तु बात कुछ और है वह किसी भी देश को परमाणु तकनीक ईजाद करते हुए नही देखना चाहता है ! विश्व पटल पर अपनी बादशाहत को खोना नही चाहता है और न वो अपने से ज्यादा किसी को शक्तिशाली देखना चाहता !
इसके इतर बात करे तो ईरान और भारत राजनीतिक और ऐतिहासिक द्रष्टि से परम मित्र रहे है , हालाँकि अभी हाल के कुछ महीनो में थोडी बहुत गलतफहमिया हुई , जैसे परमाणु प्रसार पर , अमेरिका के कहने पर भारत का ईरान के खिलाफ सयुक्त राष्ट्र में वोट करना रहा हो या फिर भारत अमेरिका परमाणु संधि ! इन सबसे थोड़ा मन खट्टा तो हुआ है पर बात अभी इतनी भी नही बिगड़ी है ! इसी लिहाज से विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ईरान गए और कई मुद्दों पर आम सहमती बनी जहाँ तक कि उन्होंने कई मामलो पर सफाई दी होगीं !

1 comment:
u r improving day by day .
very well written !!!just go on!!
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